नई दिल्ली: इंटरनेट दिग्गज याहू के बिक्री के ठीक एक दिन बाद ऑनलॉइन फैशन कंपनी जबॉन्ग भी बिक गई । ग्लोबल फैशन ग्रुप (जीएफजी) की जबॉन्ग को फ्लिपकार्ट ग्रुप की मिंत्रा ने 7 करोड़ डॉलर (लगभग 475 करोड़ रुपए) में खरीद लिया। इससे पहले जबॉन्ग को खरीदने के लिए फ्यूचर ग्रुप, स्नैपडील, आदित्य बिड़ला की ऐबौफ समेत अनेक कंपनियों से बात चल रही थी।
जीएफजी ने अपनी वेबसाईट पर लिखा कि ‘ग्लोबल फैशन ग्रुप (जीएफजी) अपने भारतीय कारोबार- जबॉन्ग को बेचने के लिए एक निश्चित समझौते में प्रवेश कर चुकी है जहां हमने फ्लिपकार्ट को 7 करोड़ डॉलर नकद में जबॉन्ग को बेच दिया है। यह जीएफजी के लेनदेन की रणनीति में एक निर्णायक कदम है जिससे वह मुख्य बाजारों पर अपना कारोबार फिर से केंद्रित कर सकें और आगे लाभ के लिए अपने काम में तेजी ला सकें।’ पिछले वित्त वर्ष में जीएफजी का कुल राजस्व 126 लाख यूरो था जिसमें जबॉन्ग की हिस्सेदारी 56 लाख यूरो की थी।
बेचने का कारण
जीएफजी ने कहा कि जबॉन्ग के अच्छे व्यवसाय के लिए इसका किसी स्थानीय व्यवसाय से जुड़ना जरूरी था। मिंत्रा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनंथ नारायणन ने कहा कि ‘जबॉन्ग के अधिग्रहण से फ्लिपकार्ट की स्थिति और मजबूत होगी।’ हालांकि जबॉन्ग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कंपनी के तेजी से विस्तार के कारण वह नुकसान में जा रही थी।
2014 में मिंत्रा को खरीदा
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से पास युवाओं ने मिंत्रा की स्थापना की थी। उसे फ्लिपकार्ट ने 2014 में 2000 करोड़ में खरीदा था। उस समय की यह भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स डील थी।
कैसी है जबॉन्ग की हालात?
-जबॉन्ग के पास 1500 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय हाई-स्ट्रीट ब्रांड्स, स्पोर्ट्स लेबल और इंडियन डिजाइन लेबल हैं।
-कंपनी के पास 1.50 लाख से ज्यादा स्टाइल्स को बेचने वाले एक हजार से ज्यादा विक्रेता हैं।
-जबॉन्ग का रेवेन्यू 2016 के पहली तिमाही में 14 फीसदी बढ़कर 243.78 करोड़ रुपए हो गया है।
इस सौदे का बाजार पर प्रभाव?
-इस समझौते के बाद फ्लिपकार्ट की मिंत्रा देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन फैशन कंपनी बन जाएगी।
-इससे राजस्व के अधिग्रहण से हर महीने 1.5 करोड़ सक्रिय उपयोक्ताओं तक पहुंच बढ़ेगी।
-इस पहल से भारत में तेजी से बढ़ते ई-वाणिज्य उद्योग को और मजबूती मिलेगी।
जबॉन्ग की जीएमवी बढ़ी
जबॉन्ग की ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (जीएमवी) 2016 की पहली तिमाही में 410.54 करोड़ हो गई जो 2015 की पहली तिमाही में 378.38 करोड़ थी। यानी कंपनी की जीएमवी सालाना आधार पर 8.4 फीसदी बढ़ गई ।
भारत के ई-वाणिज्य उद्योग का हाल
भारत में ई-वाणिज्य उद्योग 2015 में कुल 2300 करोड़ डॉलर (1 लाख 55 हजार करोड़ रुपए) का था, जो कि एसोचैम के अनुसार 2016 में 66% बढ़त के साथ 3800 करोड़ डॉलर (2 लाख 56 हजार करोड़ रुपए) पर पहुंच सकती है।
सबने किया जबॉन्ग का स्वागत
बिनी बंसल – आज मिंत्रा बड़ा हो गया! हम खुशी से जबॉन्ग इंडिया का फ्लिपकार्ट समूह में स्वागत करते हैं।
सचिन बंसल – जबॉन्ग इंडिया फ्लिपकार्ट परिवार में आपका स्वागlत है। आशा करते हैं कि हम एक साथ मिलकर इतिहास बना देंगे।
अनंथ नारायणन – नारायणन ने यह भी कहा कि वह प्रतिभाशाली जबॉन्ग टीम के साथ काम करने में और भारत में फैशन और जीवनशैली को ई- वाणिज्य के जरिये भविष्य में आकार देने के लिए तत्पर हैं।
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